Tax on Post Office Schemes: किन सरकारी निवेश योजनाओं पर कटता है टीडीएस, जानिए किन स्कीम्स पर नहीं कटेगा
Tax Deduction for small Schemes: टीडीएस केवल ऐसे लेनदेन पर काटा जाता है, जब पेमेंट की वैल्यू तय सीमा से अधिक होती है. यदि वैल्यू तय सीमा से अधिक नहीं है, तो कोई टीडीएस नहीं काटा जाता है.
रिकरिंग डिपॉजिट पर 40,000 रुपये से अधिक ब्याज अर्जित करने पर बैंक या पोस्ट ऑफिस टीडीएस काट लेगा.
नई दिल्ली : पोस्ट ऑफिस कई लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट प्लान की पेशकश करता है. हालांकि सभी योजनाएं टैक्स-फ्री नहीं हैं. पोस्ट ऑफिस की कई योजनाओं पर अर्जित ब्याज टैक्सेबल है और इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की धारा 80C के तहत उन पर छूट भी उपलब्ध नहीं है.
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि टीडीएस केवल ऐसे लेनदेन पर काटा जाता है, जब पेमेंट की वैल्यू तय सीमा से अधिक होता है. यदि वैल्यू तय सीमा से अधिक नहीं है, तो कोई टीडीएस नहीं काटा जाता है.
टीडीएस क्या है?
‘स्रोत पर कर कटौती’ को टीडीएस कहा जाता है. इसे किसी व्यक्ति की आमदनी के स्रोत से सीधे टैक्स पेमेंट लेने के लिए बनाया गया है. टीडीएस एक ऐसा मैकेनिज्म है, जिसका उपयोग सरकार टैक्स इकट्ठा करने के लिए करती है, ताकि कर चोरी को कम करने के लिए रेवेन्यू (पूरी तरह से या आंशिक रूप से) बाद में अर्जित करने के बजाय तुरंत इकट्ठा किया जा सके.
यहां पोस्ट ऑफिस की उन निवेश योजनाओं का ब्यौरा दिया जा रहा है, जिन पर टीडीएस काटा जाता है और जिन पर टीडीएस नहीं काटा जाता है.
इंडिया पोस्ट रिकरिंग डिपॉजिट
जनरल पब्लिक के लिए नियम यह है कि रिकरिंग डिपॉजिट पर 40,000 रुपये से अधिक ब्याज अर्जित करने पर बैंक या पोस्ट ऑफिस टीडीएस काट लेगा. यदि अर्जित ब्याज इस सीमा से कम है तो कोई टैक्स नहीं काटा जाएगा. सीनियर सीटिज़न के लिए टीडीएस काटने की सीमा 50,000 रुपये है.
इंडिया पोस्ट टाइम डिपॉजिट
आयकर कानून की धारा 80 सी के तहत, 5 साल के टाइम डिपॉजिट के तहत जमा राशि (1.5 लाख रुपये तक) टैक्स डिडक्शन के लिए पात्र होगी. इसका मतलब यह है कि टीडी अकाउंट में एक साल, दो साल या तीन साल के लिए जमा की गई राशि टैक्स डिडक्शन के लिए पात्र नहीं है.
इस योजना के तहत प्राप्त ब्याज पर टैक्स काटा जाता है. अपना टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय, आपको “अन्य स्रोतों से आय” के अंतर्गत ब्याज से अर्जित आय को शामिल करना होगा और उचित आयकर दर का भुगतान करना होगा.
पोस्ट ऑफिस मंथली इंस्टालमेंट स्कीम अकाउंट (एमआईएस)
इस योजना के तहत अर्जित ब्याज कर योग्य है, और जमा राशि पर धारा 80सी के तहत कोई कटौती नहीं होती है. 40,000 रुपये से अधिक के ब्याज पर टीडीएस काटा जाएगा. सीनियर सीटिज़न के मामले में यह सीमा पचास हजार रुपये है.
सीनियर सीटिज़न के मामले में (एससीएसएस)
इस योजन के तहत जमा राशि पर धारा 80सी के तहत कर लाभ मिलता है. प्रति वर्ष 50,000 रुपये से अधिक के ब्याज पर टीडीएस काटा जाता है.
महिला सम्मान बचत पत्र
महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट के तहत सीनियर सीटिज़न के लिए 50,000 रुपये से अधिक के ब्याज पर और सामान्य नागरिकों के लिए 40,000 रुपये से अधिक के ब्याज पर टीडीएस काटा जाता है.
पब्लिक प्रॉविडंट फंड अकाउंट (पीपीएफ)
पीपीएफ छूट श्रेणी के अंतर्गत आता है, जमा के लिए धारा 80 सी के तहत कर छूट उपलब्ध होगी (अधिकतम 1.5 लाख रुपये प्रति वर्ष), और ब्याज कर मुक्त है.
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी)
इस योजन के तहत 1.5 लाख रुपये तक का डिपॉजिठ आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत कर छूट के लिए पात्र है. फिक्स्ड डिपॉजिट के विपरीत, एनएससी की ब्याज राशि पर टीडीएस लागू नहीं होता है.
किसान विकास पत्र (KVP)
चूंकि केवीपी 80सी कटौती के लिए पात्र नहीं है, इसलिए रिटर्न पूरी तरह से कर योग्य है. हालांकि, योजना की मैच्योरिटी के बाद किए गए विदड्रॉल पर टीडीएस लागू नहीं होता है.